Helpful Messages & Information
Personal Blog
ॐ नमः शिवाय शिवजी सदा सहाय ॐ यह भगवान शिव के डमरू से उत्पन्न श्रृष्टि का पहला मंत्र है। ॐ नमः शिवाय मंत्र – मंत्र को सही तरीके से सांसों साथ तालमेल बैठाकर उच्चारण किया जाए तो आपके जीवन में एक एक चमत्कार होते हुए देखते जाइए। सही तरीका यही...
Read Moreइन दिनों में हर साधक का मां दुर्गा की पूजा, आराधना , ध्यान साधना, करने का अपना एक उद्देश्य होता हैं। इस उद्देश्य को पूरा करने की भी प्रक्रिया है। दुर्गा मां की शक्ति को भी पूजने के दो तरीके हैं एक पूजा,नित्य पाठ करना, मंत्र जाप करना, व्रत रखना...
Read Moreमूलाधार चक्र रहस्य इस चक्र के देवता भगवान गणेश है। जैसे यह चक्र का नाम है मूलाधार , मूल या आधार से पता चलता है कि इसका केंद्र बिंदु रीढ़ की हड्डी के आधार पर स्थित है।यह चक्र पृथ्वी तत्व है ।यह उपर के पांच चक्रों को स्थिरता देता हैं।यह...
Read Moreकुंडलिनी शक्ति रीढ़ की तीसरी और चौथी हड्डी के जो गोल गोल मोती जैसी हड्डी के बीच में भगवती शक्ति कुण्डलिनी बसी हुई है। शरीर में जो भी सहस्त्रावधी नाडिया वह तीर्थरूप कहलाती हैं। ये तीन नाड़ी है इडा नाड़ी , पिंगला नाड़ी, सुषुम्ना नाड़ी । यह तीर्थरुप हैं जैसे...
Read Moreआप पितृदोष की पीड़ाओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो श्राद्ध पक्ष में पितरों की तृप्ति जरूर करे। श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को धरती पर भेजा जाता हैं। पितृ आते है अपने वंशजों के चौखट पर प्रतीक्षा करते है।वे भोजन के लिए भूखे और प्यासे रहते हैं। यदि उनके...
Read Moreमाइग्रेन के दर्द से हमेशा के लिए निजात पाने के 51 उपाय (51 remedies to cure migraine) 1) अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच का जो भाग है उसके बीच में एक मिनट तक पहुंच दबाव डाले। बारी बारी से दोनों हाथो पर करे आप महसूस करेंगे कि आपका दर्द...
Read Moreभगवद्गीता में भी श्रीकृष्ण कहते हैं मन को वास्तव में नियंत्रित करना मुश्किल है। पर इसे ध्यान के निरंतर अभ्यास से काबू किया जा सकता हैं। मन में आ रहे विचारो को तो बड़े बड़े ध्यानी लोगो के लिए भी रोकना कठिन है। ये तो कई सालो के तप और...
Read Moreॐ शिवोहम का अर्थ होता हैं, मै ही शिव हूं मै ही शिव का अंश हूं। मैं शानदार हूं, मै एक चेतना हूं, मैं आनंदित हूं।यह भगवान शिव का मंत्र है।यह मंत्र जप ने से जो एक सत्य है , शिव की परम वास्तविकता है उनके साथ एकाकार होना शुरू...
Read Moreॐ शब्द की उत्पत्ति ब्रह्मांड में सबसे पहले हुई थीं, श्रृष्टि का निर्माण हुआ तब ॐ शब्द ही सबसे पहले गूंजा था। ॐ तीन शब्दों से बना है। A u m यह त्रिदेव है ब्रह्मा विष्णु और महेश का भी प्रतीक हैं ॐ का उच्चारण करने से ये तीनों देवताओं...
Read More