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Om Shivoham Japa – ॐ शिवोहम का जाप

ॐ शिवोहम का अर्थ होता हैं, मै ही शिव हूं मै ही शिव का अंश हूं। मैं शानदार हूं, मै एक चेतना हूं, मैं आनंदित हूं।यह भगवान शिव का मंत्र है।यह मंत्र जप ने से जो एक सत्य है , शिव की परम वास्तविकता है उनके साथ एकाकार होना शुरू हो जाते है। ॐ शिवोहम जपते जपते हम शिवतत्व को महसूस करने लगते है। शिवोहम विश्वास दिलाता हैं हम परम के साथ है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है।नकारात्मक सोच सकारात्मक सोच में परिवर्तित होने लगती हैं। सांसारिकता से , जीवन की सच्चाई वास्तविकता का ज्ञान होने लगता है। सही गलत का अंदाजा लगा सकते हो,कहीं किसी मृगतृष्णा के पीछे तो नहीं दौड़ रहे , ये जीवन की सचचाइयों का ज्ञान होने लगता है। एक परिपक्वता,एक समझ आने लगती हैं। आपके जीवन में एक स्थायी परिवर्तन आने लगता है। आपको आपके दुखो से पीड़ाओं से मुक्ति दिलाता हैं ये मंत्र।

ॐ शिवोहम का जाप – ये मंत्र निरंतर जपने से एहसास होने लगता है कि मै एक शिव का अंश हूं।इसे दिन एक बार बैठकर माला पर भी कर सकते या अपने कार्य करते हुए मन ही मन अजपा जाप भी कर सकते हैं।जैसे श्रद्धा विश्वास वैसे ही त्वरित फल की प्राप्ति होती हैं,क्युकी भगवान शिव अती दयावान शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता है। भक्त की सच्ची श्रद्धा के लिए ही इच्छुक हैं।ये मंत्र जपते जपते आप एक चेतना स्वरूप हो और शिव कब आपके रोम रोम में बस गए ये आपको खुद भी पता नहीं चलेगा। भौतिक सुख हो या मानसिक परेशानी से आप एक अलगाव की स्थिति में पहुंचने लगोगे।आप एक आत्मस्वरुप , आनंदित, एक असीम शांति का अनुभव कर सकते हो। मैं ब्रह्म हूं,शिवोहम ये सत्य का ज्ञान करवाता है।आपको इस सत्य का एहसास होने से आपकी आंखों से खुशियों की अश्रुधारा बह निकलेगी आपको खुद पता नहीं चलेगा।

ॐ शिवोहम डिप्रेशन दूर करने की औषधि है – आजकल की लाइफस्टाइल कहिए या कभी ना खत्म होने वाली ख्वाइशों के कारण लोग अधिक सोचने लगते है। काम का अधिक बोझ , कोई संगी साथी नहीं जिससे अपने दिल की बात कह सको, कोई सुख दुख बांटने वाले नहीं होने से आजकल का जीवन एकाकीपन से भर गया है। अकेला पन दिमाग में विचारो की भीड़ इक्कठा करने लगता, जिससे दिमाग में स्थिरता नहीं रहती। निरंतर दिमाग में विचारो का चक्रव्यूह चलता रहता,एक ही बात को लगातार सोचने से इंसान डिप्रेशन में जाना शुरू हो जाते है, धीरे धीरे सबसे कटने लगते है। किसी से बात करना अच्छा नहीं लगता, अकेले रहना अच्छा लगने लगता है। ऐसे लोग एक ही बात को दिमाग में दोहराते रहते और खुद के विचारों की उधेड़ बुन में उलझे रहते। ऐसे लोग ही डिप्रेशन का शिकार होते हैं। डिप्रेशन के शिकार लोगों के लिए ॐ शिवोहम का जप औषधि का काम करेगा।यदि रोज किया जाए नित्य प्रतिदिन अंतर आप खुद महसूस करोंगे।ये मंत्र करने से ऐसे लोगो को माइंड डायवर्ट करने में मदद मिलेगी।अनर्गल विचार दिमाग से हटना शुरू होंगे, विचारों से एक अपने आप को दूर करना शुरू कर देंगे।एक सामान्य स्थिति में पहुंचने की कोशिश में कामयाब भी होंगे। ऐसे परिस्थिति क्यों आती हैं? क्युकी ये लोग शरीर को ही सब कुछ मानते है।जबकि शरीर सिर्फ हमारी आत्मा का आवरण हैं।अपने भावनाए सब वे शरीर के साथ जोड़ लेते हैं आत्मा के साथ ना जोड़कर इसीलिए विपरीत परिस्थिति में अत्यंत भावुक होकर अपने जीवन का कुछ भी गलत फैसला ले लेते हैं। डिप्रेशन से बाहर निकालने के लिए ऐसे लोगों से उनके नचदिकी लोग उनसे शिवोहम का जप करवाते रहे।ये मानसिक रूप से स्वस्थ होने में एक दवा का काम करेगा।ज़िन्दगी में आयी सभी मुसीबतों से बाहर निकालने में ये मंत्र काम करेगा। दिमाग से विचारो को त्यागने के लिए खुद से ये कहते रहे, मै एक शिव का अंश हूं, मैं एक शुद्ध आत्मा हूं,शिवजी हमेशा मेरे साथ मेरे रोम रोम में है ।में सिर्फ इस शरीर का उपयोग मात्र कर रहा हूं, मेरा शरीर और मेरी आत्मा दोनों अलग अलग है जो कुछ भी हुए मेरे शरीर के साथ हुआ।इस तरह से शिवोहम के जप से खुद को प्रेरणा देने का साहस जागृत होगा और मरीज डिप्रेशन से बाहर आसानी से निकल सकते है।